- केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है | ~ प्रेमचंद
- कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है | ~ प्रेमचंद
- गुण छोटे लोगों में द्वेष और महान व्यक्तियों में स्पर्धा पैदा करता है | ~ फील्डिंग
- कार्यकुशल व्यक्ति के लिए यश और धन की कमी नहीं है | ~ अज्ञात
- मनुष्य अपने गुणों से आगे बढता है न कि दूसरों कि कृपा से | ~ लाला लाजपतराय
- यदि तुम अपने आपको योग्य बना लो, तो सहायता स्वयमेव तुम्हे आ मिलेगी | ~ स्वामी रामतीर्थ
- महान व्यक्ति न किसी का अपमान करता है ओर न उसको सहता है | ~ होम
- नैतिक बल के द्वारा ही मनुष्य दूसरों पर अधिकार कर सकता है | ~ स्वामी रामदास
- मनुष्य धन अथवा कुल से नहीं, दिव्य स्वभाव और भव्य आचरण से महान बनता है | ~ आविद
- ज्ञानी वह है, जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे | ~ विनोबा भावे
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